रविवार, जुलाई 10, 2011

कोई साथ हो तो रास्ता हसीन हो जाता है...

कोई साथ हो तो रास्ता  
हसीन हो जाता है
मोड़ खुद-ब-खुद
हमारे साथ मुड जाता है,
बातों में पता नहीं चलता
कब आ गयी मंजिल
ज़िन्दगी का एक लम्बा सफ़र
यूँ आसान हो जाता है....


1 टिप्पणी:

  1. Phir beetein kitne pal, Aaye-gaye kitne mausum,
    Kyun karey inki parvah hum?
    Rahe jab gum ka na koi gum
    Ussi ki musiki mein
    Har jazba mutmayeen ho jata hai...!
    Koi saath ho to raasta haseen ho jata hai...

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